भारत सरकार ने दिसंबर 2025 में ग्रामीण रोजगार ढांचे में बड़ा ऐतिहासिक बदलाव करते हुए 'विकसित भारत - रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)' (Viksit Bharat - G RAM G) विधेयक, 2025 पेश किया है। यह नया कानून लगभग दो दशक पुराने मनरेगा (MGNREGA) अधिनियम को प्रतिस्थापित करने के लिए लाया गया है।
इस नए ढांचे के मुख्य बदलाव निम्नलिखित हैं:
- कार्य दिवसों में वृद्धि: वार्षिक गारंटीकृत रोजगार को 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिन प्रति परिवार कर दिया गया है।
- कृषि विराम (Agricultural Pause): खेती के व्यस्त समय (बुवाई और कटाई) के दौरान श्रम की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को सार्वजनिक कार्यों में अधिकतम 60 दिनों का अवकाश घोषित करने का विकल्प दिया गया है।
- फंडिंग पैटर्न में बदलाव: केंद्र और राज्यों के बीच खर्च का अनुपात अब 60:40 (पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए 90:10) होगा। पूर्व में, केंद्र सरकार मजदूरी का 100% खर्च वहन करती थी।
- चार मुख्य स्तंभ: रोजगार सृजन को चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों से जोड़ा गया है: जल सुरक्षा, ग्रामीण अवसंरचना, आजीविका बुनियादी ढांचा और जलवायु अनुकूल कार्य।
- डिजिटल निगरानी: पारदर्शिता बढ़ाने के लिए AI- आधारित धोखाधड़ी पहचान, GPS ट्रैकिंग और 'राष्ट्रीय ग्रामीण बुनियादी ढांचा स्टैक' का उपयोग किया जाएगा।
- यह विधेयक 16 दिसंबर 2025 को लोकसभा में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पेश किया गया था और 18 दिसंबर 2025 को इसे लोकसभा से पारित कर दिया गया। इसका उद्देश्य ग्रामीण रोजगार को केवल एक सुरक्षा कवच के बजाय 'विकसित भारत @2047' के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक रणनीतिक साधन बनाना है।
- सौजन्य: पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार, नई दिल्ली।

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