मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आदिवासी समाज कई कारणों से, कई नीतियों की वजह से इधर-उधर बिखर जा रहे हैं, लेकिन हमारी वर्तमान पीढ़ियों ने हमारी सामाजिक और सांस्कृतिक व्यवस्थाओं को अलग-अलग प्लेटफार्म, अलग-अलग माध्यमों का उपयोग कर सामाजिकता को निरंतर आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं.
सभी लोग करम महोत्सव धूमधाम से मनाएं :
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बहुत ही खुशी का माहौल है. राज्य के अलग-अलग गांव, मोहल्ले, टोलों में करम महोत्सव मनाया जा रहा है. करम महोत्सव सिर्फ झारखंड में ही नहीं बल्कि जहां-जहां हमारे आदिवासी समुदाय के लोग बसे हैं, वहां भी करम महोत्सव की तैयारी की गई है. सभी लोग करम महोत्सव धूमधाम से मना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज के लोग इसी तरह एक साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ेंगे तो परिणाम अवश्य बेहतर होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज करम पूर्व संध्या समारोह में यहां राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों की संख्या में महिला-पुरुष बच्चे-बच्चियां एकत्रित हुए हैं, एक खुशनुमा माहौल बना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि करम महोत्सव के अवसर पर ऐसा ही हर्ष और खुशी का माहौल पूरे राज्य में बना रहे, यही हम सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए.
हर हाल में समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाना चाहिए :
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि हमारे अगुवा मार्गदर्शकों ने जो सांस्कृतिक विरासत हमें सौंपी है, इस समृद्ध विरासत को हर हाल में आगे बढ़ाना है. यही राज्य सरकार के साथ-साथ हम सभी की जिम्मेदारी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आदिवासी समाज के अंदर की कमियों को दूर करने का निरंतर प्रयास कर रही है, लेकिन इस प्रयास में सफलता तभी मिलेगी जब पूरा समाज एक होकर राज्य के सर्वांगीण विकास में अपनी भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी जिस उत्साह के साथ संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं यह हमें प्रेरित करती है. आज बहुत ही खुशी का दिन है आप सबों को मैं अपनी ओर से करम महोत्सव की ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं. मैं उन सभी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाया है। जोहार! जय झारखंड!
संकलन: कालीदास मुर्मू, संपादक आदिवासी परिचर्चा।
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