लोकसभा: असम से संसद गौरव गोगोई ने केन्द्र सरकार से पूछा, बैसरन में दहशतगर्दी कैसे आए ? पीओके पर सेना ने कब्जा क्यों नहीं किया ?


 

नई दिल्ली: लोकसभा में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चर्चा की शुरुआत कर विपक्ष पर निशाना साधा, वहीं विपक्ष की ओर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने रक्षा मंत्री पर पलटवार कर पूछा कि रक्षा मंत्री ने सदन को यह क्यों नहीं बताया कि पहलगाम के बैसरन में दहशतगर्द कैसे आए? कांग्रेस नेता गोगई ने कहा कि रक्षा मंत्री ने यह नहीं बताया कि उन आतंकियों का मसकद क्या था. गोगोई ने कहा कि उनका मकसद जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था को तबाह करना और देश के सांप्रदायिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करना था. विपक्ष की ओर से पहले वक्ता के रूप में गोगोई ने कहा कि सदन में ये सच्चाई आनी चाहिए। सच्चाई पहलगाम की, ऑपरेशन सिंदूर की और विदेश नीति की भी आनी चाहिए. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री सिंह ने बहुत सी सूचनाएं दीं, लेकिन ये नहीं बताया कि पहलगाम के बैसरन में आतंकी कैसे आए? ये नहीं कहा कि कैसे पांच लोगों ने बैसरन में घुसकर 26 लोगों को गोलियों से छलनी कर दिया? देश जानना चाहता है कि पांच दहशतगर्द कैसे घुसे? उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले को 100 दिन बीत चुके हैं, लेकिन मोदी सरकार आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में नहीं ला सकी. कांग्रेस नेता गोगोई ने कहा कि पुलवामा हमले के समय भी कहा गया था और आज भी यही कहा जा रहा है कि दोबारा घुसकर मारा जाएगा. उन्होंने पूछा कि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर सेना ने कब्जा क्यों नहीं किया? उन्होंने कहा, सिंह ने कहा कि हमारा मकसद युद्ध नहीं था, मैं पूछना चाहता हूं, क्यों नहीं था? होना चाहिए था. उन्होंने कहा, हमारा मकसद जमीन लेना नहीं था, क्यों नहीं था? पीओके आज नहीं लिया जाएगा तब कब लिया जाएगा. कांगेस नेता गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधकर कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के वक्त वह विदेश दौरे पर थे. हमले की खबर पाकर वह देश लौट गए लेकिन पहलगाम ना जाकर बिहार चले गए। गोगई ने कहा, हम जानना चाहते हैं सिंह और पीएम मोदी से कि पाकिस्तान को चीन से कितना समर्थन मिल रहा है? गोगोई ने कहा, “हम प्रधानमंत्री से जानना चाहते हैं कि अगर पाकिस्तान वाकई घुटने टेकने को तैयार था तब आप क्यों रूके और किसके सामने झुके, आपने किसके सामने ‘सरेंडर’ किया.” उन्होंने कहा कि सच से न डरे सरकार। विपक्ष आज भी सरकार के साथ है.

संकलन : कालीदास मुर्मू संपादक आदिवासी परिचर्चा।

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