बूढ़ा पहाड़ की बदल रही फिजा: भय की जगह सरकार के प्रति विश्वास ग्रामीणों को बना रहा सबल



# कम्युनिटी पुलिसिंग से जुड़ रहे ग्रामीण, जवान दे रहें बच्चों को शिक्षा

रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त ने दिसंबर 2022 में जब दशकों से उपेक्षित बूढ़ा पहाड़ का दौरा किया तो सहसा किसी को यकीन नहीं हुआ कि यहां की फिजा देखते ही देखते बदल जाएगी. बूढ़ा पहाड़ के चौमुखी विकास हेतु प्रस्तुत रूप रेखा बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के अनुरूप संपन्न हो रहे कार्यों ने क्षेत्र के लोगों की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में उल्लेखनीय परिवर्तन लाया है.

विभिन्न योजनाओं से ग्रामीण हो रहे लाभान्वित:-

बूढ़ा पहाड़ प्रक्षेत्र अंतर्गत कुल 27 ग्रामों का सर्वेक्षण कर सामाजिक एवं आधारभूत संरचनाओं का आकलन कराया गया. इसी प्रकार बूढ़ा पहाड़ प्रक्षेत्र अंतर्गत कुल 3809 परिवारों का सर्वेक्षण कर विभिन्न सामाजिक एवं आर्थिक पैमानों पर आवश्यकताओं का आकलन किया गया. बूढ़ा पहाड़ प्रक्षेत्र अंतर्गत रहनेवाले कुल 19836 व्यक्तियों का भी व्यक्तिगत सर्वेक्षण कर रणनीति बनाई गई कि सरकार की किस योजना के तहत किस व्यक्ति को लाभान्वित किया जा सकता है. यहां 100 बिरसा आवास का आवंटन एवं 08 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र शुरू करने की योजना और छुटे हुए ग्रामों का विद्युतीकरण करने का कार्य शुरू कर दिया गया है. 

सुरक्षाबलों के प्रति विश्वास बढ़ा:-

मुख्यमंत्री के दौरा के बाद स्थानीय जनमानस में सुरक्षाबलों के प्रति विश्वास बढ़ा है तथा सुरक्षाबलों को जनता का सहयोग प्राप्त हो रहा है. बुढा पहाड़ के क्षेत्र की सुरक्षा हेतु कुल्ही से बूढ़ा पहाड़ तक कुल पांच कैंप कूल्ही, हेसातु, बेहराटोली झालुडेरा तथा जेटीएफ पुंदाग स्थापित हैं तथा जिनमें क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा को समर्पित सीआरपीएफ, जैप, झारखंड जगुआर, तथा जिला बल की 8 कंपनियां प्रतिनियुक्त है. सुरक्षाबलों के द्वारा क्षेत्र में नियमित रूप से विभिन्न अभियान संचालित कर स्थानीय लोगों के साथ संवाद स्थापित की जाती है. 


ग्रामीणों को मिल रहा बाजार, भय मुक्त हो रहा आवागमन:-

बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में आधारभूत संरचना के निर्माण में बदलाव नजर आ रहा है. सड़क की जर्जर और दयनीय स्थिति को ठीक किया गया क्षेत्रीय बाज़ार से ग्रामीण जुड़े. परिणामस्वरूप वे अपनी कृषि उत्पाद को बाजार में अच्छी कीमतों पर बेच कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रहें हैं. सिंचाई कूप निर्माण, सोलर पंप सेट आदि की उपलब्धता में भी प्रगति देखी जा रही है। सुरक्षाबलों के द्वारा सड़क निर्माण से लेकर जनता के भय मुक्त आवागमन को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई जा रही है. कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत झालुडेरा में एक कूप निर्माण किया गया है, जिसका प्रयोग स्थानीय ग्रामीण भी अपने दैनिक पेयजल हेतु कर रहे हैं.

जवान दे रहें बच्चों को शिक्षा:-

बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में प्रतिनियुक्त सीआरपीएफ बाल के जवानों के द्वारा ड्यूटी से समय निकालकर बूढ़ा गाँव और आसपास के बच्चों के लिए एक अस्थायी विद्यालय का संचालन किया जा रहा है, जहां बच्चों को बुनियादी शिक्षा दी जा रही है.आरंभ में बच्चों की संख्या 8-10 थी जो वर्तमान मे बढ़कर 46 हो गई है. आसपास के विद्यालयों में बच्चों के नामांकन की प्रक्रिया जारी है, जिसमे उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है.

स्वास्थ्य क्षेत्र में दिख रहा बदलाव:-

क्षेत्र में नए स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण एवम पुराने का जीर्णोद्धार किया जा रहा है. साथ ही सुरक्षाबलों की कंपनी में प्रतिनियुक्त प्रशिक्षित मेडिकल प्रैक्टिशनर के द्वारा भी अभियान के दौरान ग्रामीणों को स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी जाती है. सहिया की सहायता से डोर टू डोर चिकित्सा सर्वे की जा रही है.

कम्युनिटी पुलिसिंग से जुड़ रहे ग्रामीण :-

सुरक्षाबलों के द्वारा पूर्व में भी जनता के सहयोग हेतु कम्युनिटी पुलिसिंग की जाती रही है. लेकिन मुख्यमंत्री के दौरा के बाद लोगों के सहयोगात्मक रवैया में अभूतपूर्व प्रगति आई है. इस क्रम में पुलिस अधीक्षक गढ़वा, श्री दीपक कुमार पांडेय, अपर पुलिस अधीक्षक (अभियान) विशेष अभियान के तहत कुछ  दिनों पूर्व बूढ़ा पहाड़ पहुंचे. कम्यूनिटी पुलिसिंग के तहत भारी संख्या में ग्रामीण उनसे मिलने पहुंचे. पुलिस अधीक्षक ने उनसे संवाद स्थापित कर बारी-बारी से सबकी समस्याओं को सुना तथा उनके त्वरित समाधान हेतु मौजूद पुलिस पदाधिकारियों को निर्देशित कर ग्रामीणों को आश्वस्त किया. पुलिस अधीक्षक ने ग्रामीणों के साथ भोजन भी किया तथा स्कूली बच्चों के लिए पुस्तक कॉपी, पेंसिल, कलम, बैग युवाओं के लिए फुटबॉल तथा क्रिकेट किट, महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों के लिए साड़ी धोती, कबल, टोपी, तथा कामगारों के लिए कुदाल, फावड़ा, बेलचा इत्यादि का वितरण किया.

कालीदास मुर्मू, संपादक आदिवासी परिचर्चा।

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