सिमडेगा के पर्यटन स्थलों को संवार आजीविका का किया जा रहा सृजन



रांची: सिमडेगा स्थित केलाघाघ, दनगद्दी, केतुंगाधाम जैसे पर्यटक स्थलों को दिया गया नया स्वरूप ना सिर्फ पर्यटकों को अपनी ओर बरबस आकर्षित कर रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों की आजीविका भी सशक्त हो रही है। यहां की मनोरम प्रकृति छटा पर्यटकों का मन मोह रही है। यही नहीं, इन पर्यटन स्थलों को पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाओं से आच्छादित किया गया है, जिससे पर्यटकों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई है। 

मिलकर किया जा रहा संवर्धन 

वर्षों से उपेक्षित सिमडेगा के पर्यटन स्थलों को संवारने का कार्य पिछले एक वर्ष से किया जा रहा है। जिला पर्यटन संर्वधन समिति के माध्यम से जिले के वैसे पर्यटक स्थल, जहां पर्यटकों का आना लगा रहता है, उसे चिह्नित करते हुए विकास के कार्य हो रहे हैं। इस कार्य में स्थानीय लोगों की भूमिका तय की गई, जिसे यहां के लोगों ने सहर्ष स्वीकार भी किया है। इससे जिला प्रशासन को सहूलियत हुई और पर्यटन स्थलों का सौंदर्यीकरण एवं लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार सुनिश्चित हुआ। 

पौराणिक विरासत को संवारा 

सिमडेगा में कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। इनमें से एक है। भंवर पहाड़, जो पौराणिक विरासत का प्रतीक है। कहते हैं कि कालांतर में युद्ध के दौरान शत्रुओं को मार गिराने में भंवर पहाड़ का अहम योगदान रहा है। जिला प्रशासन द्वारा भंवर पहाड़ की विरासत तथा पहाड़़ को पर्यटक स्थल के रूप में पहचान दिलाने हेतु चिह्नित किया। भंवर पहाड़़ के मनोरम दृश्य को देखने एवं पहाड़़ की खासियत से जन-जन को अवगत कराने के उदेश्य से उसे सँवारने का कार्य धरातल पर उतारा गया  है। जल्द भंवर पहाड़़ के सौंदर्यीकरण के कार्य को पूर्ण करते हुए पर्यटकों को सुपुर्द कर दिया जायेगा। 

प्रकृति के बीच स्थित धार्मिक स्थलों के भी बदले दिन 

जिला मुख्यालय से सटे केलाघाघ पर्यटक स्थल पर सोलर हाई मास्क लाइट, पुलिस ओपी, रेलिंग के किनारे जालीदार घेरा, कैंटीन जैसी सुविधा बहाल की गई है। केलाघाघ, दनगद्दी, केतुंगाधाम जैसे अन्य पर्यटक स्थलों को वृहद्ध पैमाने पर विकसित किया जा रहा है। पर्यटकों को खल रही सुविधाएं बहाल की जा रही हैं। दनग्दी में वाच टावर, हाई मास्क लाईट का अधिष्ठापन, सामुदायिक शौचालय का निर्माण हुआ। दनग्दी में पर्यटकों के सुविधानुसार विकास के कार्य होने से अब वहां हर दिन स्थानीय ग्रामीण खान-पान की दुकान लगा रहे हैं, जिससे उन्हें कमाई भी हो रही है। वनदुर्गा में हाई मास्क लाईट व स्ट्रीट लाईट का अधिष्ठापन, सामुदायिक शौचालय का सुदृढ़ीकरण, सुलभ अवागमन की सुविधा जैसे कार्यों को करते हुए विकसित किया गया है। अब यहां विवाह एवं अन्य कार्यक्रम भी हो रहे हैं। केतुंगा धाम, जहां बाबा भोलेनाथ का मंदिर है, वह पौराणिक विरासत को दर्शाता है। जिला प्रशासन द्वारा मंदिर से नहर तक शेड का निर्माण किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी। पुराने भवन को सुदृढ़ करते हुए पर्यटकों के लिए सुलभ सुविधा बहाल करने की कार्रवाई की जा रही है। 

जिला प्रशासन का प्रयास है, चिह्नित पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को जो सुविधा मिलनी चाहिए, उसे विकसित किया जाये। यह कार्य लगातार हो रहा है। कई पर्यटक स्थलों को विकसित किया गया है। अन्य स्थलों के विकास कार्य अंतिम चरण में हैं । पर्यटन स्थल विकसित कर लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार से जोड़ने की कोशिश भी की जा रही है।


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