राष्ट्रपति ने संताली भाषा में भारत का संविधान जारी किया

 


नई दिल्ली : राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 25 दिसंबर, 2025) राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में संताली भाषा में भारत का संविधान जारी किया.

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि यह सभी संताली लोगों के लिए गर्व और खुशी की बात है कि भारत का संविधान अब संताली भाषा में, ओल चिकी लिपि में उपलब्ध है. इससे वे संविधान को अपनी भाषा में पढ़ और समझ सकेंगे.

राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष हम ओल चिकी लिपि की शताब्दी मना रहे हैं। उन्होंने विधि एवं न्याय मंत्री और उनकी टीम की प्रशंसा की, जिन्होंने शताब्दी वर्ष में भारत के संविधान को ओल चिकी लिपि में प्रकाशित करवाया.

इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में उपराष्ट्रपति श्री सीपी राधाकृष्णन और केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल शामिल थे.

संथाली भाषा, जिसे 2003 के 92वें संविधान संशोधन अधिनियम के माध्यम से संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था, भारत की सबसे प्राचीन जीवित भाषाओं में से एक है। यह झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार में बड़ी संख्या में आदिवासी लोगों द्वारा बोली जाती है.

रिपोर्ट: कालीदास मुर्मू,  संपादक आदिवासी परिचर्चा।

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