झारखंड विधानसभा ने 11,697.45 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पारित किया


रांची:  झारखंड अनुपूरक बजट: झारखंड विधानसभा ने गुरुवार 12 दिसंबर को 2024-25 वित्तीय वर्ष के लिए 11,697.45 करोड़ रुपये का दूसरा अनुपूरक बजट पारित किया. बजट पारित होने के बाद अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो ने विधानसभा का चार दिवसीय सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया.

वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया, जिसमें महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग को 6,390.55 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा आवंटन किया गया. इस महत्वपूर्ण फंडिंग का उद्देश्य सरकार की प्रमुख पहल, मैयान सम्मान योजना को बढ़ाना है.इस योजना के तहत, राज्य ने शुरुआत में 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपये की पेशकश की थी, जिसे अब दिसंबर से बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति माह कर दिया गया है.

अनुपूरक बजट पर भाजपा का पक्ष : 

अनुपूरक बजट पर बहस में भाग लेते हुए भाजपा नेता सत्यंद्र नाथ तिवारी ने इस पहल के लिए अपनी पार्टी की सराहना को स्वीकार किया. लेकिन चुनाव के बाद कुछ मानदंडों की शुरूआत पर असंतोष व्यक्त किया.

  श्री तीवारी ने सदन में कहा कि "चुनाव के दौरान, सत्तारूढ़ दल ने सभी महिलाओं को मैया सम्मान का लाभ देने का वादा किया था, लेकिन अब यह कुछ योग्यता मानदंड लेकर आया है।". मुझे नहीं लगता कि एक प्रतिशत महिलाएं भी मानदंडों को पूरा करने में सक्षम होंगी,

श्री तिवारी ने आगे कहा कि जो लोग कृषि सखी और पशु मित्र योजनाओं के लिए काम करते हैं, उन्हें केवल 1500 रुपये पारिश्रमिक मिलता है। "अब, वे अपनी नौकरी छोड़ रहे हैं और खुद को मैया सम्मान योजना में नामांकित कर रहे हैं।". वे कह रहे हैं कि अगर उन्हें बिना किसी काम के 2500 रुपये मिल सकते हैं, तो वे 1500 रुपये में काम क्यों करेंगे.भाजपा के एक अन्य विधायक नवीन जायसवाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने मैया सम्मान योजना को निधि देने के लिए कृषि, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य और आदिवासी कल्याण के लिए बजट में कटौती की है.अनुपूरक बजट पर बहस में कम से कम दस सदस्यों ने भाग लिया.

ध्वनिमत से पारित हुआ अनुपूरक बजट:

वित्त मंत्री श्री किशोर ने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि किसी भी विभाग ने फंड सरेंडर नहीं किया है. झारखंड में लगातार दो चुनाव —संसदीय और विधानसभा हुए, जिसके कारण लगभग पांच महीने का वित्तीय वर्ष आदर्श आचार संहिता के तहत चला गया. इसका असर राजस्व व्यय और सृजन पर पड़ा है.  उन्होंने कहा, कई विभागों ने कहा कि वे 2024-25 के लिए आवंटित बजट खर्च नहीं कर पाएंगे.  श्री किशोर ने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करना सरकार का कर्तव्य है. 

बहस के बाद ध्वनिमत से अनुपूरक बजट को मंजूरी दे दी गई. इसके बाद अध्यक्ष ने यह टिप्पणी करते हुए सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया कि छठी झारखंड विधानसभा का पहला सत्र सार्थक रहा. 

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