आदिवासी प्रकृति पूजक हैं, पहाड़-पर्वत को हरा भरा रखते आएं हैं : श्री हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखंड।



लुगुबुरु घंटाबाड़ी धोरोमगाढ़ /बोकारो: मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन  27 नवंबर 2023 को  लुगुबुरु घंटाबाड़ी धोरोमगाढ़, लालपनियां, गोमिया, बोकारो में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित 23वां अंतर्राष्ट्रीय सरना धर्म  महासम्मेलन 2023 में शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने लुगुबुरू पहाड़ स्थित पुनाय थान में पूजा अर्चना (बोंगा बुरु) कर राज्य की खुशहाली. दो दिवसीय महासम्मेलन में देश-विदेश के सरना धर्मावलंबियों ने भाग लिया. 

सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि मैं आप सबको आश्वस्त करता हूं जब तक मैं हूं, लुगुबुरू में  हाइड्रल पावर प्रोजेक्ट नहीं लगेगा. आदिकाल से पूर्वजों द्वारा लुगुबुरू  संचालित होता आ रहा है. उन्होंने अपने बातों को स्पष्ट करते हुए दुहराए जब तक मैं हूं किसी भी परिस्थिति में आदिवासी संतालियों के धार्मिक धरोहर लुगु पहाड़ पर दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित LUGU PAHAR HYDEL PUMPED STORAGE PROJECT को स्थापित नहीं होने दिया जाएगा.  हर हाल में आदिवासी समुदाय की आस्था और विश्वास का धार्मिक धरोहर लुगू पहाड़ को संरक्षित करने का काम होगा. मुख्यमंत्री आदिवासी समुदाय के आस्था और विश्वास का धार्मिक धरोहर लुगु पहाड़ में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सरना धर्म महासम्मेलन के समापन समारोह में बतौर मुख्य रूप अतिथि बोल रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा लुगुबुरु आदिकाल से ही पूर्जवों द्वारा संचालित होता आ रहा है। समय के हिसाब से जिस प्रकार समाज जागरुक हो रहा है, उसी तरह आदिवासी सरना धर्म को भी आगे बढ़ना चाहिए.


लुगुबुरू के इतिहास को संजो कर रखना है: 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति के पूजक हैं. पहाड़, पर्वत को वे हरा-भरा रखते आए हैं. हम आदिवासी संताल गरीब जरूर है, लेकिन आज तक किसी के धर्म या किसी की कोई भी चीज हो हम गलत नजर से नहीं देखते. हम शांति और सद्भाव से हमेशा रहना चाहते हैं.  मुख्यमंत्री ने कहा लुगुबुरू के इतिहास को संजो कर रखना है. अगर ऐसा नहीं होगा तो आने वाली पीढ़ी इस सम्बंध में कैसे जान सकेगी. इस पर कार्य होना चाहिए. हमें अपने धर्म के प्रति जागरूक रहना है और अपने कर्तव्य को निभाना है. हर समाज के लिए शिक्षा जरूरी है.  पहले तीर धनुष से लड़ाई लड़ी जाती थी, अब बुद्धि से लड़ाई होती है. इसलिए शिक्षा का महत्व है.


इस अवसर पर मंत्री श्री चंपाई सोरेन, मंत्री श्रीमती बेबी देवी, पूर्व विधायक सह राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त श्री योगेन्द्र महतो, लुगुबुरु घंटाबाड़ी के अध्यक्ष श्री बबुली सोरेन, उपाध्यक्ष श्री बहाराम हांसदा, सचिव श्री लोबिन मुर्मू, उपसचिव श्री मिथिलेश किस्कू, उपायुक्त बोकारो, आरक्षी अधीक्षक बोकारो एवं हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे. 

कालीदास मुर्मू, संपादक आदिवासी परिचर्चा।

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