राज्य में बनेंगे 100 स्मार्ट विलेज, वन अंब्रेला की नीति के तहत होगा विकास: कृषि मंत्री



रांची। झारखंड राज्य में एक सौ स्मार्ट विलेज बनाए जाएंगे जिसकी अनुशंसा माननीय विधायक और सांसद के द्वारा की जाएगी। यह सभी स्मार्ट विलेज वन अंब्रेला नीति के तहत विकसित किए जाएंगे जहां पर कृषि से संबंधित सभी योजनाओं को लागू किया जाएगा साथ ही विभिन्न स्तर पर सहकारी समिति का गठन कर विकास की रूपरेखा तैयार की जाएगी। उक्त जानकारी राज्य के कृषि मंत्री श्री बादल ने विभाग की समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी।

श्री बादल ने कहा कि स्मार्ट विलेज की रूपरेखा तैयार की जा रही है और जल्द ही कृषि विभाग सभी विधायक और सांसदों को ग्राम चयन हेतु पत्र लिखेगा। उन्होंने कहा कि कोविड काल के दौरान भी कृषि के मामले में हमारे राज्य में अच्छी प्रगति हासिल करते हुए कृषि के ग्रोथ रेट में 26 फ़ीसदी का उछाल आया है जो राज्य के लिए एक सुखद संघ संदेश है। श्री बादल ने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि राज्य की जीडीपी में कृषि की 20 फ़ीसदी हिस्सेदारी सुनिश्चित हो जो कि वर्तमान में 14 फीसद है। उन्होंने बताया कि इस बार 73.16 लाख मैट्रिक टन का उत्पादन हुआ है जिसमें 53 लाख 22000 मेट्रिक टन धान का उत्पादन किया गया है। किसानों को सशक्त करने के लिए 13 13 करोड़ की राशि केसीसी के माध्यम से दी गई है। राज्य के सभी कृषक परिवार को बैंक से लोन मिल सके इसके लिए बैंकों के साथ बैठक की जाएगी तथा प्रखंड स्तर पर बिरसा केसीसी ऋण मेला का आयोजन कर कृषकों को ऋण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि 3.86 लाख बिरसा किसानों का लोन माफ किया जा चुका है। कुल 9 लाख किसानों का ऋण माफ कराने का लक्ष्य निर्धारित था लेकिन बैंकों के शिथिलता की वजह से किसानों का डाटा उपलब्ध नहीं हो पाया। सभी किसानों के लोन माफी के लिए सभी जिला के उपायुक्तों के साथ बैठक की जाएगी तथा बैंकों पर डाटा उपलब्ध कराने के लिए दबाव बनाया जाएगा।

कृषि मंत्री श्री बादल ने बताया कि 2022 -23 के बजट में कुल 82 नई योजनाओं का शुभारंभ किया जा रहा है जिसमें 57 राज्य सरकार की योजनाएं हैं जबकि 25 योजनाएं भारत सरकार की है। बीते साल राज्य के 500 लैंप्स और पैक्स दो दो लाख रुपए की फाइनेंसियल सहायता दिया गया था और इस वर्ष प्रत्येक परिवार से लैंप्स पैक्स में एक व्यक्ति को सक्रिय सदस्य बनाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। साथ ही राज्य के 58 लाख बिरसा किसान परिवार को यूनीक आईडेंटिटी दी जाएगी और उन्हें योजनाओं के तहत बीज और कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। श्री बादल ने बताया कि दुग्ध के लिए सहकारिता गठन किया जाएगा तथा कॉपरेटिव को 50% की राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि पलामू साहिबगंज और देवघर के सारठ में डेयरी प्लांट लगभग तैयार हो चुके हैं उन्हें जल्द चालू किया जाएगा।

( स्रोत: सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, झारखंड सरकार) 

संकलन : कालीदास मुर्मू, संपादक, आदिवासी परिचर्चा।

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