राज्य के विश्वविद्यालयों में होगी जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई



 कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा में संताली, हो, कुडुख, कुरमाली तथा मुंडारी भाषा की पढ़ाई के लिए शिक्षकों के पद सृजन से संबंधित प्रस्ताव को मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने स्वीकृति दी। कोल्हान  विश्वविद्यालय, चाईबासा के अंतर्गत आने वाले अंगीभूत महाविद्यालयों और स्नातकोत्तर केंद्रों में संताली,  हो, कुडुख, कुरमाली  तथा  मुंडारी भाषा के संचालन के  लिए  शिक्षकों  के  पद  सृजन  संबंधी  प्रशासी  पदवर्ग समिति के लिए संलेख प्रस्ताव को मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने स्वीकृति दे दी है। राज्य के विश्वविद्यालयों  में  क्षेत्रीय  एवं  जनजातीय भाषा की पढ़ाई सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार के द्वारा यह कदम उठाया जा रहा है ।

 कुल 159 शिक्षकों के पद किए जाने हैं सृजित 

 कोल्हान विश्वविद्यालय में क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषा के अंतर्गत संथाली,  हो,  कुडुख,  कुरमाली तथा मुंडारी भाषा में  कुल 159  शिक्षकों के पद सृजन का प्रस्ताव है ।इसमें  सहायक  अध्यापक के 147, सह प्राध्यापक  के 8 और  प्राध्यापक के 4 पद शामिल हैं 

 महाविद्यालयों एवं स्नातकोत्तर केंद्रों  में कितने पदों का होना है सृजन 

विश्वविद्यालय के अंतर्गत आनेवाले 14 अंगीभूत महाविद्यालयों में 135 शिक्षकों के पद सृजन का प्रस्ताव है । इसमें कुडुख भाषा में 6, संथाली भाषा में 39, हो भाषा में 39, कुरमाली भाषा में 39 और मुंडारी भाषा में 12 शिक्षकों के पद का सृजन होना है । वही, स्नातकोत्तर केंद्रों में संथाली, हो, कुरमाली और मुंडारी भाषा में 6-6 पद समेत कुल 24 शिक्षकों के पद सृजित किए जाने हैं ।



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