आदिवासियों के लिए विशेष केन्द्रीय सहायता एंव संविधान की धारा 275(1) के अंतर्गत संचालित योजनाएं।


1. विशेष केन्द्रीय सहायता :- केन्द्रीय सरकार से प्राप्त विशेष सहायता राशि से मुख्यत: जनजातियों के कल्याण हेतु परिवार उन्मुखी  आयवृद्धि योजना का क्रियान्वयन किया जाता है। इस योजना के अन्तर्गत प्राप्त होने वाली राशि का 80 प्रतिशत परिवार उन्मुखी आयवृद्धि योजना तथा 20 प्रतिशत आधारभूत संरचना के विकास पर व्यय किया जा सकता है। आयवृद्धि योजना में मुख्यत: कृषि, बागवानी, भूमि सुधार, जलछाजन ,मृदा एवं जल संरक्षण, पर्यावरण, वनग्रामों,एंव वनों का विकास , स्वरोजगार, कार्यक्रम एवं आदिवासी महिलाओं के विकास का कार्यक्रम लेने का प्रावधान है।  राज्य सरकार ने विशेष केन्द्रीय सहायता के अंदर नवाचारी प्रकिया अपनाते हुए 3 वर्षीय एवं  2 वर्षीय योजना स्वीकृत की है। जिसके अंतर्गत 10 चयनित व्यवसाय यथा- जलसंग्रह एवं सिंचाई , उन्नत कृषि , कुक्कुट पालन, बकरी पालन , मलबरी, एंव तसर रेशम उत्पादन, रागिरी लाह, उत्पादन, इत्यादि शामिल हैं। इस आयवृद्धि योजनाओं को प्रोटोटाईप योजनाओं के नाम से जाना जाता है। प्रोटोटाइप के अंतर्गत आने वाले सभी योजना आईटीडीपी  क्षेत्र यथा- रांची, खूंटी, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, चाईबासा, चक्रधरपुर, जमशेदपुर, धालभूम, लातेहार, सरायकेला दुमका, जामताड़ा, साहेबगंज,राजमहल एंव पाकुड़ तथा मांगा (MADA) गोड्डा, पलामू, गढ़वा, बोकारो, धनबाद, गिरीडीह, हजारीबाग एंव देवघर । इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2010-2011 में  9140.00 लाख बजट उपबंध के विरुद्ध भारत सरकार से प्राप्त राशि 8592.04 लाख की राशि आवंटित की गई है। संविधान की धारा 275(1) के अन्तर्गत भारत सरकार से प्राप्त से जनजातीय क्षेत्रीय उपयोजना में आधारभूत संरचना विकास की योजनाएं क्रियान्वित कराती जाती है। Water Harvesting, Irrigation,land Development Schemes. Package for Improved Agriculture with Rain Water Harvesting, Dairy Development, Homestead Poultry,Goat Rearing,Tassar schemes (Pre-cocoon),Tassar (Post- cocoon),Ragni Lac Existing Trees, Mulberry Plantation and Silk worn Rearing, 










































 










सोत्र - कल्याण विभाग , झारखण्ड सरकार

कालीदास मुर्मू, सम्पादक, आदिवासी परिचर्चा।






















           

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